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रहना नहीं देस बिराना जो

अनिलचंद्र ठाकुर

इस ऑडियोबुक को डिजिटल वॉइस में रिकॉर्ड किया गया है. यह कहानी "रहना नहीं देस बिराना जो" एक ग्रामीण भारत के समाज, संबंधों, और संघर्षों की गहरी झलक प्रस्तुत करती है। ताजधारी प्रसाद, जिन्हें लोग प्यार से 'मैनेजर साहब' कहते हैं, के जीवन के माध्यम से यह कहानी गाँव के जीवन और उसमें पनपने वाले छोटे-बड़े रिश्तों, संघर्षों, और राजनीति को उजागर करती है। ताजधारी प्रसाद गाँव के ज़मींदारों के लिए मैनेजर के रूप में काम करते हैं और अपने चालाकी और कूटनीतिक व्यवहार के कारण पूरे गाँव में धाक जमाए रखते हैं। उनकी सामाजिक स्थिति, व्यक्तिगत संबंध, और गाँव की घटनाएँ इस कहानी में प्रमुख रूप से उभर कर आती हैं। उनके जीवन के संघर्ष, गाँव की राजनीति, और पारिवारिक दबावों का वर्णन इस पुस्तक का मूल भाव है। कहानी में पंचमी, ताजधारी प्रसाद की पाँचवीं बेटी, का भी महत्वपूर्ण स्थान है। पंचमी का जीवन और उसके साथ हुए घटनाएँ गाँव की कठोर वास्तविकताओं और सामाजिक मान्यताओं को उजागर करती हैं। ताजधारी प्रसाद के जीवन की यात्रा, उनके सामाजिक और पारिवारिक संघर्षों की कहानी, पाठक को एक गहरी और संवेदनशील दृष्टि से गाँव के जीवन की ओर ले जाती है। लेखक ने छोटे-छोटे घटनाओं के माध्यम से ग्रामीण समाज की जटिलताओं और उसमें छिपे मानवीय भावनाओं को बड़े ही रोचक और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया है। Duration - 31m. Author - अनिलचंद्र ठाकुर. Narrator - डिजिटल वॉइस Hrehaan G. Published Date - Monday, 20 January 2025. Copyright - © 2024 Apoorva Chandram ©.

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United States

Description:

इस ऑडियोबुक को डिजिटल वॉइस में रिकॉर्ड किया गया है. यह कहानी "रहना नहीं देस बिराना जो" एक ग्रामीण भारत के समाज, संबंधों, और संघर्षों की गहरी झलक प्रस्तुत करती है। ताजधारी प्रसाद, जिन्हें लोग प्यार से 'मैनेजर साहब' कहते हैं, के जीवन के माध्यम से यह कहानी गाँव के जीवन और उसमें पनपने वाले छोटे-बड़े रिश्तों, संघर्षों, और राजनीति को उजागर करती है। ताजधारी प्रसाद गाँव के ज़मींदारों के लिए मैनेजर के रूप में काम करते हैं और अपने चालाकी और कूटनीतिक व्यवहार के कारण पूरे गाँव में धाक जमाए रखते हैं। उनकी सामाजिक स्थिति, व्यक्तिगत संबंध, और गाँव की घटनाएँ इस कहानी में प्रमुख रूप से उभर कर आती हैं। उनके जीवन के संघर्ष, गाँव की राजनीति, और पारिवारिक दबावों का वर्णन इस पुस्तक का मूल भाव है। कहानी में पंचमी, ताजधारी प्रसाद की पाँचवीं बेटी, का भी महत्वपूर्ण स्थान है। पंचमी का जीवन और उसके साथ हुए घटनाएँ गाँव की कठोर वास्तविकताओं और सामाजिक मान्यताओं को उजागर करती हैं। ताजधारी प्रसाद के जीवन की यात्रा, उनके सामाजिक और पारिवारिक संघर्षों की कहानी, पाठक को एक गहरी और संवेदनशील दृष्टि से गाँव के जीवन की ओर ले जाती है। लेखक ने छोटे-छोटे घटनाओं के माध्यम से ग्रामीण समाज की जटिलताओं और उसमें छिपे मानवीय भावनाओं को बड़े ही रोचक और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया है। Duration - 31m. Author - अनिलचंद्र ठाकुर. Narrator - डिजिटल वॉइस Hrehaan G. Published Date - Monday, 20 January 2025. Copyright - © 2024 Apoorva Chandram ©.

Language:

Hindi


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Duration:00:31:28