
Har Gye Papa
Anilchandra Thakur
इस ऑडियोबुक को डिजिटल वॉइस में रिकॉर्ड किया गया है.
यह कहानी एक कवि की है जो अपनी नौकरी और अपने गाँव के बीच फंसा हुआ है। कविजी, जो अब चालीस की उम्र पार कर चुके हैं, दो बेटे और एक बेटी के पिता हैं। उनकी पत्नी सुंदर, समझदार और तेज़ है, लेकिन एक छोटी सी बात पर दोनों के बीच अनबन रहती है।
कविजी पिछले पंद्रह सालों से भारत सरकार के एक प्रतिष्ठान में काम कर रहे हैं, लेकिन इस नौकरी ने उन्हें कभी संतुष्टि नहीं दी। वे अक्सर नौकरी छोड़ने का विचार करते हैं, लेकिन आर्थिक मजबूरियों के कारण ऐसा नहीं कर पाते। उनकी आत्मा हमेशा अपने गाँव की ओर खिंचती है, जहाँ की यादें उन्हें जीवित रखती हैं।
गाँव की यादें उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। वहाँ के बाग, तालाब, कोयल की कूक, खेतों में काम करती मजदूरिनें, और मेले की रौनक उन्हें हमेशा आकर्षित करती हैं। लेकिन नौकरी की मजबूरियों ने उन्हें अपने गाँव से दूर कर दिया है।
कविजी का स्वभाव विद्रोही है, और वे अक्सर अपने हाकिम-हुक्कामों से टकराते रहते हैं। नौकरी ने उनके अध्ययन और लेखन के समय को छीन लिया है, और उनके स्वभाव में चिड़चिड़ाहट भर दी है।
फिर भी, वे सप्ताह में एक बार अपने गाँव जरूर जाते हैं और बीमारी का बहाना बनाकर कई बार लंबी छुट्टी भी ले लेते हैं। लेकिन आर्थिक तंगी के कारण वे अपनी पत्नी और बच्चों की सभी इच्छाओं को पूरा नहीं कर पाते।
यह कहानी एक व्यक्ति की है जो अपनी नौकरी और अपने गाँव के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन दोनों में से किसी में भी पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हो पा रहा है।
Duration - 54m.
Author - Anilchandra Thakur.
Narrator - डिजिटल वॉइस Harsha G.
Published Date - Monday, 20 January 2025.
Location:
United States
Networks:
Anilchandra Thakur
डिजिटल वॉइस Harsha G
Anat Kha sukh Pave
Apoorva Chandram
Hindi Audiobooks
Findaway Audiobooks
Description:
इस ऑडियोबुक को डिजिटल वॉइस में रिकॉर्ड किया गया है. यह कहानी एक कवि की है जो अपनी नौकरी और अपने गाँव के बीच फंसा हुआ है। कविजी, जो अब चालीस की उम्र पार कर चुके हैं, दो बेटे और एक बेटी के पिता हैं। उनकी पत्नी सुंदर, समझदार और तेज़ है, लेकिन एक छोटी सी बात पर दोनों के बीच अनबन रहती है। कविजी पिछले पंद्रह सालों से भारत सरकार के एक प्रतिष्ठान में काम कर रहे हैं, लेकिन इस नौकरी ने उन्हें कभी संतुष्टि नहीं दी। वे अक्सर नौकरी छोड़ने का विचार करते हैं, लेकिन आर्थिक मजबूरियों के कारण ऐसा नहीं कर पाते। उनकी आत्मा हमेशा अपने गाँव की ओर खिंचती है, जहाँ की यादें उन्हें जीवित रखती हैं। गाँव की यादें उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। वहाँ के बाग, तालाब, कोयल की कूक, खेतों में काम करती मजदूरिनें, और मेले की रौनक उन्हें हमेशा आकर्षित करती हैं। लेकिन नौकरी की मजबूरियों ने उन्हें अपने गाँव से दूर कर दिया है। कविजी का स्वभाव विद्रोही है, और वे अक्सर अपने हाकिम-हुक्कामों से टकराते रहते हैं। नौकरी ने उनके अध्ययन और लेखन के समय को छीन लिया है, और उनके स्वभाव में चिड़चिड़ाहट भर दी है। फिर भी, वे सप्ताह में एक बार अपने गाँव जरूर जाते हैं और बीमारी का बहाना बनाकर कई बार लंबी छुट्टी भी ले लेते हैं। लेकिन आर्थिक तंगी के कारण वे अपनी पत्नी और बच्चों की सभी इच्छाओं को पूरा नहीं कर पाते। यह कहानी एक व्यक्ति की है जो अपनी नौकरी और अपने गाँव के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन दोनों में से किसी में भी पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हो पा रहा है। Duration - 54m. Author - Anilchandra Thakur. Narrator - डिजिटल वॉइस Harsha G. Published Date - Monday, 20 January 2025.
Language:
Hindi
Start
Duration:00:54:11