दिल के ख्वाब
Amit sharma
ये शमयरी जो कि िनोभमवनमतिि रूप से मिखी गयी हैंइसे किसी भी प्रिमर िी प्रततमिपप िें प्रस्तूत नहीीं कियम गयम है , इसिे समरे अधििमर और समरी िल्पनमएीं व रचनमएँिेखि िे पमस सुरक्षित हैं,उभरते हुए ख्वमबों िम शहर हैशमयरी इस कितमब िें मिखे गए एि एि शब्द िो िेने भमवनमत्िि रूप ददयम है जजसिें िेरे ख्वमब हैं, िेरी िल्पनमएीं हैं, एि कितमब िो ििा ज िे रख िर िी जमने वमिी शमयरी िे बहुत से पहिूहैं। शमयरी िहबूब िे चेहरे िी तशबीह िें भी िमि आती हैंऔर आि इींसमनी ज ींदगी िें रौशनी िी एि अिमित िे तौर पर भी भूमििम तनभमती हैं, ये शमयरी आपिो इस तौर पर भी हैरमन िरेंगी , जजस तरह से प्रेि िी भमवनम खत्ि होती जम रही है, और हि अपनी आि ज ींदगी िें ची ों िे बमरे िें किस हद ति सोचते हैंऔर उसिी िल्पनम िरते हैं, ये िल्पनमएीं िुझ े उस गहरमई ति िे जमती हैंजो प्रेि िम जजक्र िरवमती हैं, सोयी हुई तिन्नमओीं से जमगरूि िरवमती हैं, तख़्िीक़ी सतह पर वही छोटी छोटी चीजों से िहफूज होिर प्रेि िो इस क़दर िहिमती हैंिल्पनमओीं से उभरिर तनििते शब्द जो िन िे दमयरे िो जन्ि दे देते हैं। जजसिें पवरह, भमवनम ,पविमसपूर्ा िल्पनम, प्रेि िो आिमररत कियम गयम है िेरी कितमब िे इस ददि िे ख्वमब िें दमख़िि होइए
Duration - 5h 40m.
Author - Amit sharma.
Narrator - Mridweeka tripathi.
Published Date - Monday, 30 January 2023.
Copyright - © 2019 Amit sharma ©.
Location:
United States
Description:
ये शमयरी जो कि िनोभमवनमतिि रूप से मिखी गयी हैंइसे किसी भी प्रिमर िी प्रततमिपप िें प्रस्तूत नहीीं कियम गयम है , इसिे समरे अधििमर और समरी िल्पनमएीं व रचनमएँिेखि िे पमस सुरक्षित हैं,उभरते हुए ख्वमबों िम शहर हैशमयरी इस कितमब िें मिखे गए एि एि शब्द िो िेने भमवनमत्िि रूप ददयम है जजसिें िेरे ख्वमब हैं, िेरी िल्पनमएीं हैं, एि कितमब िो ििा ज िे रख िर िी जमने वमिी शमयरी िे बहुत से पहिूहैं। शमयरी िहबूब िे चेहरे िी तशबीह िें भी िमि आती हैंऔर आि इींसमनी ज ींदगी िें रौशनी िी एि अिमित िे तौर पर भी भूमििम तनभमती हैं, ये शमयरी आपिो इस तौर पर भी हैरमन िरेंगी , जजस तरह से प्रेि िी भमवनम खत्ि होती जम रही है, और हि अपनी आि ज ींदगी िें ची ों िे बमरे िें किस हद ति सोचते हैंऔर उसिी िल्पनम िरते हैं, ये िल्पनमएीं िुझ े उस गहरमई ति िे जमती हैंजो प्रेि िम जजक्र िरवमती हैं, सोयी हुई तिन्नमओीं से जमगरूि िरवमती हैं, तख़्िीक़ी सतह पर वही छोटी छोटी चीजों से िहफूज होिर प्रेि िो इस क़दर िहिमती हैंिल्पनमओीं से उभरिर तनििते शब्द जो िन िे दमयरे िो जन्ि दे देते हैं। जजसिें पवरह, भमवनम ,पविमसपूर्ा िल्पनम, प्रेि िो आिमररत कियम गयम है िेरी कितमब िे इस ददि िे ख्वमब िें दमख़िि होइए Duration - 5h 40m. Author - Amit sharma. Narrator - Mridweeka tripathi. Published Date - Monday, 30 January 2023. Copyright - © 2019 Amit sharma ©.
Language:
Hindi
Opening Credits
Duration:01:14:44
Dil ke khwab shayari
Duration:28:11:29
Ending Credits
Duration:00:14:28