शिक्षा की पूर्णता तभी मानी गई जब शिक्षित युवा मस्तिष्क भौतिक ज्ञान के साथ ही अध्यात्म ज्ञान में भी निपुण हो।क्योंकि अध्यात्म ज्ञान इस शरीर से आगे बढ़कर अपनी आत्मा को जानने का दिग्दर्शन है।श्रद्धावान ह्रदय में ज्योति जगाने की महानतम गुरू शिष्य परंपरा...