भारत की धरती पर अनेकों ॠषियों ने समय-समय पर अवतरित होकर अपने तप और साधना से मनुष्य समाज को संतुलित रखने में अमूल्य योगदान दिया है। समयानुसार समाज को समय-समय पर उनका मार्गदर्शन सदैव मिलता रहा है। हमारे सद्गुरु श्री शिवकृपानंद स्वामीजी भी अनेकों वषोँ तक...