प्रत्येक संस्कृति में सामाजिक एवम् व्यक्तिगत कल्याण हेतु कुछ-न-कुछ धारणाएँ, रीति-रिवाज बनाए गए थे जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी चले आ रहे हैं। आज के वैज्ञानिक युग में हम उनका कारण एवम् महत्त्व पता न होने की वजह से उनसे विमुख होते जा रहे हैं और उनके लाभों से...